Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2021 · 1 min read

आंचल

नारी के सिर से उतर कर ,
आया सीने पर ,
सीने से फिर उतर कर गले पर ,
गले से खिसक के कंधे पर ,
कंधे से उतर कर अब
जाने कहां खो गया ।
इस अत्याधुनिक युग में नारी का आंचल ,
इस तरह नारी से जुदा हो गया ।

Language: Hindi
1 Like · 511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

अजीब लड़की
अजीब लड़की
Kshma Urmila
संकल्प प्रतिबद्धता
संकल्प प्रतिबद्धता
Shyam Sundar Subramanian
खूबसूरती लफ्जों में बयां कर दे ऐसे अल्फाज कहाँ....
खूबसूरती लफ्जों में बयां कर दे ऐसे अल्फाज कहाँ....
कल्पना सोनी "काव्यकल्पना"
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
मैं और तुम
मैं और तुम
ललकार भारद्वाज
*शाश्वत सत्य*
*शाश्वत सत्य*
Shashank Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
3880.*पूर्णिका*
3880.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चंद्र मौली भाल हो
चंद्र मौली भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"तुम्हें याद करना"
Dr. Kishan tandon kranti
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"रीति" व "रिवाज़" पर्याय नहीं पूरक हैं। रीति प्रायः "नीतिगत"
*प्रणय प्रभात*
मेरी वफा की राह में
मेरी वफा की राह में
Minal Aggarwal
गर्मी
गर्मी
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
Neelofar Khan
महिलाओं का नेतृत्व और शासन सत्ता की बागडोर
महिलाओं का नेतृत्व और शासन सत्ता की बागडोर
Sudhir srivastava
सुन्दर प्रियतमा के साथ
सुन्दर प्रियतमा के साथ
अमित कुमार
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
Ajit Kumar "Karn"
बहे पुरवइया
बहे पुरवइया
Shailendra Aseem
मोहब्बत का पैगाम
मोहब्बत का पैगाम
Ritu Asooja
Perspective (Inspired by Epicureanism)
Perspective (Inspired by Epicureanism)
पूर्वार्थ देव
यूं आज जो तुम्हें तारों पे बिठा दी गई है
यूं आज जो तुम्हें तारों पे बिठा दी गई है
Keshav kishor Kumar
कोई वादा नहीं मगर फिर भी
कोई वादा नहीं मगर फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
- स्त्री प्रकृति -
- स्त्री प्रकृति -
bharat gehlot
मतदान
मतदान
Dr Archana Gupta
नैतिकता बिकने लगे, डिग जाए ईमान
नैतिकता बिकने लगे, डिग जाए ईमान
RAMESH SHARMA
सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
DrLakshman Jha Parimal
दोहा पंचक. . . . . नजर
दोहा पंचक. . . . . नजर
sushil sarna
Loading...