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16 Jul 2021 · 1 min read

चले आते समझाने लोग

चले आते
समझाने लोग!
अक्सर मुझे
बचकाने लोग!!
कुदरत की
अनदेखी करके
जाया करते
बुतखाने लोग!!
मेरे कैसे
हो सकते भला
जो खुद से ही
बेगाने लोग!!
मेरा पागलपन
कहा करते
मेरी बातों को
दीवाने लोग!!
अपने खून
और आंसुओं से
मैं तो लिखता
अफसाने लोग!!
A Ghazal
By
Shekhar Chandra Mitra

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