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16 Jul 2021 · 1 min read

मदमाते मौसम का

मदमाते मौसम का प्रिय अनुबन्ध बनो
बरखा-झूला-कजरी का सम्बन्ध बनो
मैं सावन की मस्त घटा बन कर बरसूँ
तुम प्यासी धरती की सोंधी गन्ध बनो
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’

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