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13 Jul 2021 · 1 min read

बारिश

भीग रही सारी जमीं
आवाज़ गरजने की आई
बारिश की छम छम
कमरे से बाहर खींच लाई।।

बच्चे भी रोमांचित
पानी में भीग रहे है आज
किसान तो अभी भी
अपने खेतों में कर रहे काज।।

जब गिर रही छतों पर
बूंदें बारिश की आवाज़ कर रही
आयेगी बहार जिसका
आंखें हज़ारों इंतजार कर रही।।

कब थमेंगी ये बारिश
इंतज़ार कर रहे अब पंछी भी
इस बारिश की हर
बूंद इस धरती में अब रची भी।।

बेघर हो गए कई पंछी
और बेचारी कई चींटियां भी
ऐसा लगता है बह गई
उनकी इकठ्ठी की रोटियां भी।।

धीरे धीरे ये थम रही अब
खत्म हो रहा बारिश का शोर भी
मौसम खुशनुमा हो गया
नाच रहे जंगल में अब मोर भी।।

बारिश ने निखार दी
प्रकृति की सुंदरता हर तरफ
साफ साफ दिख रही
अब दूर पहाड़ियों पर बरफ।।

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