Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Jul 2021 · 1 min read

" आँसू पोंछने वाला कोई नहीं"

” आँसू पोंछने वाला कोई नहीं”
=================

हमारे बोलने
से भला क्या होगा
कोई सुनने वाला तो चाहिए ,
हम रोते हैं वीरानों में
हिचकियां कर -करके
पर आँसू पोंछने
वाला कोई नहीं !!
दर्द का आलम ना पूछो
गत्र – गत्र टूट रहा है
इलाज की बातें दूर रही
सांत्वना देने वाला कोई नहीं !!
शहर से दूर जाकर
किसी सुनसान पहाड़ियों
को भला कौन देखे
उनके दुख दर्द को
मिटाने वाला कोई नहीं !!
स्तूप ,मीनारें ,अट्टालिकाएं ,
मंदिर और मस्जिद
बनाते ये हैं
पर इनके नसीब को
चमकाने वाला कोई नहीं !!
विलख्ते बच्चों के क्रंदन
प्रसूति की प्रसव पीड़ा
कुपोषित लोग को
संतुलित आहार
देने वाला कोई नहीं !!
उनके अरण्यरोदण
इन जंगलों में ही दब कर
रह जाते हैं
इन कोलाहलों को
सुनने वाला कोई नहीं !!
फिर भी इनको आस हैं
दिन हमारे लौट आएंगे
दुख दर्द सारे मिट जाएंगे
भगवान का बस साथ है
इसके सिवा दुख
मिटाने वाला कोई नहीं !!
==============
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड

Loading...