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10 Jul 2021 · 1 min read

त्याग

त्याग यानी जीवन में किसी चीज का उपयोग ना करना। कुछ समय के लिए अथवा जिंदगी भर के लिए। त्याग एक ऐसी परंपरा है, जो सदियों से चलती चली आ रही है लेकिन कुछ स्वार्थी लोग इसका महत्व नहीं जानते और जो लोग त्यागी या तपस्वी हैं उनका मजाक उड़ाते हैं।

जिस प्रकार किसी कारखाने में हर महीने में अथवा आवश्यकता पड़ने पर कम या अधिक समय के अंतराल पर वहां लगी मशीनों को कुछ समय के लिए विश्राम दिया जाता है और उनकी मरम्मत यथासंभव जरूरत अनुसार की जाती है इसी के साथ आयल वगैरा की भी पूर्ति की जाती है, उसी प्रकार मनुष्य को भी अपनी इस शरीर रूपी मशीनरी को सप्ताह में एक बार विश्राम अवश्य देना चाहिए। ऐसा करने से हमारे शरीर में जो ऑर्गन 6 दिन काम करते हैं सातवें दिन यानी सप्ताह में एक दिन उनको भी विश्राम का अवसर मिलेगा एवं पुनः नए जोश एवं नए उत्साह के साथ अपने कार्य में व्यस्त हो जाएंगे।

आप यदि ऐसा करते हैं तो आप अपने आप को स्फूर्ति एवं नई ताकत के साथ काम करने का अवसर प्रदान करते हैं अतः जीवन में त्याग आवश्यक है।

वीर कुमार जैन
10 जुलाई 2021

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