ख़ुद कलामी
मेरे जज़्बात की
अक्कासी और
मेरे तजुर्बात की
नक़्क़ाशी है!
मेरे ख़्वाबों का
तर्जुमा और
मेरे ख्यालात की
नक़्क़ाशी है!!
मेरी शायरी तो
कुछ और नहीं
क़ाफिया और
रदीफ़ में सिर्फ़
मेरे तसव्वुरात की
परछाई और
मेरे एहसासात की
नक़्क़ाशी है!!
Shekhar Chandra Mitra
#romanticrebelpoet