Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Jun 2021 · 1 min read

सादगी

तेरी सादगी पर मरे जा रहे हैं
है दिल तेरे पास फिर भी जिए जा रहे है
प्यार तुमको किए जा रहे है
तेरे इकरार का इंतज़ार किए जा रहे हैं।।

तुझे देखते हैं तो
जुल्फों से तेरी घिरे जा रहे हैं
ऐसे उलझे हैं इनमें
तुमको ही अब याद किए जा रहे हैं।।

देख तेरी आंखों को
आंखों में तेरी डूबे ही जा रहे हैं
हर पल हर घड़ी अब
तेरे ही इंतजार में बीते जा रहे हैं।।

देखकर ये मुस्कान प्यारी
हम तो मंत्रमुग्ध हुए जा रहे हैं
ऐसे ही हंसते रहो हमेशा
तेरे लिए दुआ किए जा रहे हैं।।

न हाथ में कंगन है
न ही गले में हीरों का हार है
देखकर उनकी सुंदरता
वो खुद यौवन का हार लग रहे हैं।।

न किया श्रृंगार कोई
फिर भी वो परी लग रहे हैं
सादगी से ही उनकी
अब तो चार चांद लग रहे हैं।।

तराशा है जिसने तुम्हें
उसका भी आभार किए जा रहे हैं
हो जाओ अब मेरे तुम
यही तुमसे अनुरोध किए जा रहे हैं।।

Loading...