Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Jun 2021 · 1 min read

क़िस्मत का खेल

इतने चेहरे
दुनिया में लेकिन
मेरे दरपन में
कोई नहीं!
इतने फ़ूल
बगिया में लेकिन
मेरे दामन में
कोई नहीं!
क़िस्मत का
खेल है यह
या साज़िश
समाज की!
इतने तारे
आकाश में लेकिन
मेरे आंगन में
कोई नहीं!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)

Loading...