Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Jun 2021 · 1 min read

हे पथ चल नेक जगह ले चल

हे पथ चल नेक जगह ले चल,
अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं मुझको राह बताता चल,
हे पथ चल नेक जगह ले चल
अच्छे बुरे लोग दोनों ही, तेरे ऊपर चलते हैं
तेरे ऊपर चल कर दोनों, अच्छे बुरे मैं ढलते हैं
तुम जानते हो पद चापों को, उनके पुण्य और पापों को
खुशहाल जिंदगी बालों को, दुखियारे के संतापों को
तेरे ऊपर से हम जाते मंदिर, और मदिरालय में
तेरे ऊपर से ही जाते, मानवता के घर और दानवता के द्वारे में
इसीलिए जहां मानवता हो, चल द्वार उसी के चल
हे पथ चल नेक जगह ले चल

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Loading...