Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Jun 2021 · 1 min read

उम्मीदों के रास्ते

दिन रात गुजरती जिन्दगी मे
लाख कोशिशों के बावजूद
मिले नही कभी कहीं
रास्ते , अपनी उम्मीदों के ।

बचपन से लेकर आजतक
आंखों मे तैरते मुस्कराते
आधे अधूरे कई ख्वाब
हमने भी देखे, जिन्दगी के ।

मिलती रही है सजा
बार बार उन गुनाहों की
किये नही थे जो कभी हमने
दायरे मे, होशो हवास के ।

छुपा है गमो का सैलाब
दिल की गहराईयों मे
डर लगता है कहीं आंखों से
निकल न जाये, कभी छलक के ।

राज विग 24.06.2021

Loading...