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19 Jun 2021 · 1 min read

नजरिया

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब लोग हमें समझना छोड़ दें तो हमें भी उन्हें समझाना छोड़ देना चाहिए ख़ास कर अपनों को और साथ ही खुद को अपनी नज़रों में गिराना छोड़ देना चाहिए …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई बार जीवन में ऐसे हालात होते हैं की आपकी अकेले में फूट फूट कर रोने की इच्छा करती है ,तो ऐसे में रो लेना चाहिए क्यूंकि रोने से आपका मन मस्तिष्क हल्का हो जाता है और नकारात्मकता दूर हो कर सकारत्मक विचार आते हैं …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ये कम्बख्त वक़्त सब कुछ सीखा देता है ,साथ रहना भी और अकेले तन्हा रहना भी …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की व्यक्ति को अपनी नजरों में पूर्ण ईमानदारी के साथ सही होना चाहिए बाकी दुनिया का क्या है ,उसका नजरिया तो अपनी जरूरतों -स्वार्थ या बेवजह बदलता रहता है …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
⚛️?☸️??

Language: Hindi
Tag: लेख
294 Views
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