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17 Jun 2021 · 1 min read

– शर्तों का प्यार कैसे चले आगे —

कभी परवान नही चढ़ सकता
जहाँ लग जाती हैं शर्त की पाबंदियां
न जाने कितने कर के चले गए
अपनी अपनी जुगलबन्दिया !!

मोहोब्बत का ये वो रिश्ता है
जो बंध न सका है कभी जंजीरों से
यह तो मिल कर परवान चढ़ता है
आपस में दोनों के तालमेलों से !!

शर्त रख दी तो दो कदम नही चलती
प्यार करने वालों में कभी नही है बनती
यह वो रब का दिया हुई रहमत है
जो सच्चे प्यार करने वालों के दिल में है पलती !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 262 Views
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