Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

ये सफ़र मुश्किल भरा आसां नज़र आता नहीं

ग़ज़ल
ये सफ़र मुश्किल भरा आसां नज़र आता नहीं।
है बियाबां दूर तक मैदां नज़र आता नहीं।।

तुम तो पत्थर में भी अपना ढूढ़ लेते हो ख़ुदा।
क्यों तुम्हें इंसान में इंसां नज़र आता नहीं।।

सब्ज़ ऐनक अपनी आँखों पर चढ़ाये हो हुज़ुर।
इसलिए तो ये चमन वीरां नज़र आता नहीं।।

हिंदू,मुस्लिम, सिख या ईसाई नज़र आते तुम्हें ।
इनकी यक-जेहती में हिंदुस्तां नज़र आता नहीं।।

पैरहन मेरा फटा तो देखते हैं वो मगर।
बस उन्हें उनका बदन उरियां नज़र आता नहीं।।

अंधा टकरा कर कहे आता नहीं तुझको नज़र?
कह दिया मैने उसे – जी हां! नज़र आता नहीं।।

सारे दहशतगर्द ही आते नज़र उनको “अनीस” ।
आंदोलन में कोई दहकां नज़र आता नहीं।।
– अनीस शाह “अनीस”

3 Likes · 4 Comments · 318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कोई इस कदर भी
कोई इस कदर भी
Chitra Bisht
राम श्याम शिव गाये जा
राम श्याम शिव गाये जा
Mahesh Tiwari 'Ayan'
हम उस पीढ़ी के लोग है
हम उस पीढ़ी के लोग है
Indu Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
"सन्देश"
Dr. Kishan tandon kranti
जो आयीं तुम..
जो आयीं तुम..
हिमांशु Kulshrestha
इश्क़ मत करना ...
इश्क़ मत करना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
तल्ख़ इसकी बहुत हक़ीक़त है
तल्ख़ इसकी बहुत हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
कदम तेरे द्वार पे जब भी मेरे पड़े।
कदम तेरे द्वार पे जब भी मेरे पड़े।
Madhu Gupta "अपराजिता"
"बीच सभा, द्रौपदी पुकारे"
राकेश चौरसिया
शून्य
शून्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
🙅रिसर्च🙅
🙅रिसर्च🙅
*प्रणय प्रभात*
सही ट्रैक क्या है ?
सही ट्रैक क्या है ?
Sunil Maheshwari
आओ उर के द्वार
आओ उर के द्वार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
विश्वास मत तोड़ना मेरा
विश्वास मत तोड़ना मेरा
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सारी जिंदगी की मुहब्बत का सिला.
सारी जिंदगी की मुहब्बत का सिला.
shabina. Naaz
उम्मीदों का सूरज ढलने लगा है
उम्मीदों का सूरज ढलने लगा है
पूर्वार्थ
*घटते प्रतिदिन जा रहे, जीवन के दिन-रात (कुंडलिया)*
*घटते प्रतिदिन जा रहे, जीवन के दिन-रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
''Video Call''
''Video Call''
शिव प्रताप लोधी
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
सदा साथ चलता है  .....
सदा साथ चलता है .....
Sushil Sarna
जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है
जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है
Rj Anand Prajapati
3271.*पूर्णिका*
3271.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
अंतरिक्ष भी जीत लिया
अंतरिक्ष भी जीत लिया
करन ''केसरा''
Loading...