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9 Jun 2021 · 1 min read

तभी तो सच कभी मरता नहीं है!

गज़ल
1222………1222………122
कभी भी झूठ सच होता नहीं है!
तभी तो सच कभी मरता नहीं है!

सभी को डरते देखा है जहाँ में,
कि सच डरता, कभी देखा नहीं है!

भले वो टूट जाए ………है गवारा,
मगर झुकते …..उसे देखा नहीं है!

जो दिखता है वो सच होता नहीं है!
जो सच है वो कभी दिखता नहीं है!

झूठ का मोल है कुछ भी लगा लो,
कि सच अनमोल है बिकता नहीं है!

रहेगा झूठ जिंदा बस …..तभी तक,
कि सच से सामना ….होता नहीं है!

जो सच लिखता हो कहता बोलता हो,
कहीं वो शख्श अब …..जिंदा नहीं है!

कहानी सच की् …बस इतिहास में है,
कोई इतिहास अब …..रचता नहीं है!

जो ‘प्रेमी’ सच के हैं वो ……जानते हैं,
कि सच होता है सच …बनता नहीं है!

…… ✍ सत्य कुमार प्रेमी
07 जून, 2021 स्वरचित एवं मौलिक

2 Likes · 4 Comments · 696 Views
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