Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 1 min read

“मोबाइल बना खिलौना”

“मोबाइल बना खिलौना”
*******************

देखो, मोबाइल बना खिलौना,
इसके असर से बच्चे हो रहे काना।
जिसको देखो, बैठा है पकड़ एक कोना,
दृश्य देखकर लगता कितना घिनौना।।

बेटा देखे, बेटी देखे,
मां देखे और देखे इसको बाप।
कुछ इसपर पढ़ते,कुछ खेलते और,
कुछ करते इसपर कई पाप।।

असली पढ़ाई तो अब हो गई हवाई,
जब से कान में ठेपी और कंझप्पा लगाई।
पता नही क्या है इस मर्ज की दवाई,
इस यंत्र ने बिगाड़ दिए कितनों की लुगाई।।

नौकरी पाना अब हो गया कितना आसान,
इसको लूट ले जा रहे, मोबाइल रहित इंसान।
अक्ल का जिसको मिला था वरदान,
वो तो मोबाइलिक यंत्र से ही परेशान।।

मोबाइल ने कितनों को कवि बनाया,
और कितनों को बनाया लेखक।
कितने ही प्रेमी -प्रेमिका को मिलाया,
और कितनों को बनाया कई मंचो का सचेतक।।

इसने बिसरा दिया दूरभाष और डाक- तार को,
खत्म कर दिया हमारे सारे पत्राचार को।
इसके चलते तरसते लोग आपसी प्यार को,
प्रभावित किया है इसने सबके आचार- व्यवहार को।।

वैसे जगह -जगह मोबाइल बना है वरदान,
इससे अपनों के संपर्क में रहना हो गया बहुत आसान।
कुछ भी हो, जीवन में ये अब बहुत जरूरी है,
इसको संग रखना सबकी मजबूरी है।। ? ?

स्वरचित सह मौलिक

पंकज कर्ण
कटिहार
संपर्क-8936068909

Language: Hindi
8 Likes · 2 Comments · 772 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
आने वाला युग नारी का
आने वाला युग नारी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
माँ
माँ
दीपक बवेजा सरल
42 °C
42 °C
शेखर सिंह
मैं मजबूर हूँ
मैं मजबूर हूँ
सोनू हंस
अजनबी रातेँ
अजनबी रातेँ
Rambali Mishra
किसी के साथ हुई तीखी नोंक-झोंक भी
किसी के साथ हुई तीखी नोंक-झोंक भी
Ajit Kumar "Karn"
मेहनत कर तू फल होगा
मेहनत कर तू फल होगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
3155.*पूर्णिका*
3155.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन में,
जीवन में,
नेताम आर सी
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
*ऊॅंचा सबसे दिव्य है, जग में मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
*ऊॅंचा सबसे दिव्य है, जग में मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
--बेजुबान का दर्द --
--बेजुबान का दर्द --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या  रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
पूर्वार्थ
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
Keshav kishor Kumar
अदा बोलती है...
अदा बोलती है...
अश्क चिरैयाकोटी
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
देन वाले
देन वाले
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
विस्मृत से प्रण
विस्मृत से प्रण
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
प्रिय हिंदी
प्रिय हिंदी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
Meenakshi Masoom
भोग पिपासा बढ़ गई,
भोग पिपासा बढ़ गई,
sushil sarna
माँ
माँ
Dr.Pratibha Prakash
तेरी याद ......
तेरी याद ......
sushil yadav
मुझे इश्क है तुझसे ये किसी से छुपा नहीं
मुझे इश्क है तुझसे ये किसी से छुपा नहीं
Jyoti Roshni
Loading...