Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 1 min read

नन्हीं चिड़ियाँ

चिड़ियाँ चूँ- चूँ करती,
सुबह-सुबह नभ में विचरती,
रंग-बिरंगी दिखती ।

दाना खाना ढूंँढती,
चोंच में भर घर लाती,
बच्चों को खिलाती ।

मधुर-मधुर गाती,
खिड़की पर दस्तक दे जाती,
इठलाती इतराती नाचती ।

घोंसलों के इर्द-गिर्द,
कर्तव्य दिखाती प्यार जताती बहलाती,
पंखों से छुपाती ।

इधर-उधर फुदकती,
भरे हुए जल से नहाती,
प्यास वहीं बुझाती ।

दोपहर में सोती,
बच्चों अंण्डो की रक्षा करती,
गहरा एहसास जगाती ।

सांँझ होते देख,
नीड़ को छोड़ उड़ जाती,
दाना खाना लाती।

रात्रि में ठहरती,
सुखद विश्राम घोंसले में करती,
भोर को तकती ।

#रचनाकार- बुद्ध प्रकाश; मौदहा,
हमीरपुर ,उत्तर प्रदेश ।

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 425 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

गीत- माता-पिता भगवान से...
गीत- माता-पिता भगवान से...
आर.एस. 'प्रीतम'
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
4712.*पूर्णिका*
4712.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोहड़ी
लोहड़ी
Savitri Dhayal
*आत्ममंथन*
*आत्ममंथन*
Pallavi Mishra
असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
Bhupendra Rawat
धधको।
धधको।
पूर्वार्थ
"खुशी एक मानसिक स्थिति है, जो बाहर से नहीं बल्कि भीतर से आती
पूर्वार्थ देव
" विनाशक "
Dr. Kishan tandon kranti
#कविता-
#कविता-
*प्रणय प्रभात*
साथ
साथ
Neeraj Kumar Agarwal
जब मुश्किलें राह में आई थीं,
जब मुश्किलें राह में आई थीं,
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
“अपने में मस्त” (व्यंग )
“अपने में मस्त” (व्यंग )
DrLakshman Jha Parimal
बार -बार कहता दिल एक बात
बार -बार कहता दिल एक बात
goutam shaw
इश्क़ फरमाया उन्होंने अपनी आँखों से
इश्क़ फरमाया उन्होंने अपनी आँखों से
ruchi sharma
वोट ज़रुर देना
वोट ज़रुर देना
Shriyansh Gupta
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ज्ञान की पाठशाला - मां
ज्ञान की पाठशाला - मां
ललकार भारद्वाज
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
gurudeenverma198
Thunderstorm
Thunderstorm
Buddha Prakash
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Nitesh Shah
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
कोशिश ना कर
कोशिश ना कर
Deepali Kalra
गज़ल
गज़ल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बरगद भीतर घुस गया, दीवारों को तोड़
बरगद भीतर घुस गया, दीवारों को तोड़
RAMESH SHARMA
बाहिर से
बाहिर से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Neerja Sharma
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
हिमांशु Kulshrestha
प्रश्नों से प्रसन्न होते हो वो समझदार होते।
प्रश्नों से प्रसन्न होते हो वो समझदार होते।
Sanjay ' शून्य'
कान्हा
कान्हा
Ayushi Verma
Loading...