Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2021 · 1 min read

मंजिल की चाह जिन्दगी

मंजिल की चाह जिन्दगी

मंजिल की चाह जिन्दगी
क़दमों का रुक जाना जिन्दगी नहीं

कोशिशों का कारवाँ है जिन्दगी
थक कर हार जाना जिन्दगी नहीं

सपनों का समंदर रोशन करना जिन्दगी
सपनों का बिखर जाना जिन्दगी नहीं

मंजिल की आस हो जिन्दगी
मंजिल से पहले ठहर जाना जिन्दगी नहीं

खुशियों का एक कारवाँ हो जिन्दगी
चंद ग़मों से डर जाना जिन्दगी नहीं

खुद पर एतबार का माद्दा है जिन्दगी
विश्वास का डगमगा जाना जिन्दगी नहीं

अपने हौसलों को अपनी धरोहर बनाना जिन्दगी
मंजिल से पहले हौसलों का टूट जाना जिन्दगी नहीं

समंदर की लहरों से दोस्ती जिन्दगी
समंदर की लहरों से घबरा जाना जिन्दगी नहीं

अपनी मुस्कराहट को अपनी धरोहर बनाना जिन्दगी
चंद ग़मों से घबरा जाना जिन्दगी नहीं

इंसानियत का ज़ज्बा बरकरार रखना जिन्दगी
उस खुदा की नज़र में गिर जाना जिन्दगी नहीं

मंजिल की चाह जिन्दगी
क़दमों का रुक जाना जिन्दगी नहीं

कोशिशों का कारवाँ है जिन्दगी
थक कर हार जाना जिन्दगी नहीं

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 294 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय प्रभात*
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
इंजी. संजय श्रीवास्तव
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
Atul "Krishn"
झूठी कश्ती प्यार की,
झूठी कश्ती प्यार की,
sushil sarna
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
Sunil Maheshwari
"रेडियम नारी"
Dr. Kishan tandon kranti
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
साथ छोड़ दिया....
साथ छोड़ दिया....
Jyoti Roshni
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
3018.*पूर्णिका*
3018.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां
इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां
Roopali Sharma
देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा,
देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा,
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चाँद
चाँद
Davina Amar Thakral
फकीर का बावरा मन
फकीर का बावरा मन
Dr. Upasana Pandey
सत्यपथ
सत्यपथ
डॉ. शिव लहरी
सहज बन जाती
सहज बन जाती
Seema gupta,Alwar
Pay attention to how people:
Pay attention to how people:
पूर्वार्थ
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
पीले पात
पीले पात
आशा शैली
चली ⛈️सावन की डोर➰
चली ⛈️सावन की डोर➰
डॉ० रोहित कौशिक
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी-
आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी-
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
अहमियत उसको, हम नहीं देते।
अहमियत उसको, हम नहीं देते।
Dr fauzia Naseem shad
भारत के भाल पर , दमकती बिंदी -हमारी हिंदी
भारत के भाल पर , दमकती बिंदी -हमारी हिंदी
TAMANNA BILASPURI
रिश्ते अच्छे भी कभी,जाते हैं तब टूट
रिश्ते अच्छे भी कभी,जाते हैं तब टूट
RAMESH SHARMA
बीते दिन
बीते दिन
Shyam Sundar Subramanian
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
Loading...