Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2021 · 1 min read

।। बरसात ।।

बादल तो छा गये,बरसात आना बाकी है
आसमान की गोंद में,मानो पत्थर बाज़ी है
धूल, धुआँ, धुन्ध, धमाल ,पवने झकोर लिये
घोर, घटा,घाम, कहीं,फुहार आना बाकी है ।।1।।

मन, मस्त,मदन,झूमें, मोर आना बाकी है
झूमें सब ओर छोर, जोर जोर बाग झूमें
काली घटा लिये, नभमंडल मानो केशकाला
घूर घूर देखे बाल, इन्द्रधनुष आना बाकी है ।।2।।

पपिहा की बोली,जहर लागे सजनी को
सुध बुध भूलि बोले, नहि देखे जननी को
घूमत फिरत रहै ,नहि देखे रात-दिन
सुन्दर सुहाना लगे,हरियाली लदे अवनी को ।।3।।

इन्द्रधनुष का सातो रंग प्यारा लागै
विरहन द्वार खड़ी, आठो पहर जागै
बारिश की बूंदों में वह, बदन भिगाये भागे
पिय के डहर में, निश दिन वह जागै ।।4।।

बूँद बूँद चूमे उसके ,सुन्दर कपोल को
केश से टपक कर, दृग मूदै डोल के
भीगी अंग विरहन, झूम झूम बोल के
प्रेम रस डूबी रही, पिय आना बाकी है ।।5।।

रचनाकार
संजय कुमार *स्नेही *आजमगढ़ उत्तर प्रदेश
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित रचना सम्पर्क सूत्र 9984696598
ई मेल skumar276201@gmail.com

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 1033 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दिल-ए-मज़बूर ।
दिल-ए-मज़बूर ।
Yash Tanha Shayar Hu
यादें
यादें
Raj kumar
इत्मीनान रखो
इत्मीनान रखो
Buddha Prakash
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
"आँगन की तुलसी"
Ekta chitrangini
लहू का कारखाना
लहू का कारखाना
संतोष बरमैया जय
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
Ravi Prakash
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
बनाओ न बहाने, बहाने बनाने से क्या मिलेगा ?
बनाओ न बहाने, बहाने बनाने से क्या मिलेगा ?
Likhan
पुरुष और स्त्री
पुरुष और स्त्री
पूर्वार्थ
शीर्षक -हाले-दिल अपना
शीर्षक -हाले-दिल अपना
Sushma Singh
"ध्यान रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
4483.*पूर्णिका*
4483.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सूरजमुखी
सूरजमुखी
अंकित आजाद गुप्ता
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई है
आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हरियाली
हरियाली
Rambali Mishra
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
मुस्कुराता सा ख्वाब
मुस्कुराता सा ख्वाब
Akash RC Sharma
मन
मन
अवध किशोर 'अवधू'
क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे..
क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे..
पं अंजू पांडेय अश्रु
फ्रेम  .....
फ्रेम .....
sushil sarna
#अद्भुत_अकल्पनीय_अनुभूत-
#अद्भुत_अकल्पनीय_अनुभूत-
*प्रणय प्रभात*
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
चतुष्पदी
चतुष्पदी
surenderpal vaidya
अद्भुत प्रयास
अद्भुत प्रयास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
gurudeenverma198
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...