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30 May 2021 · 1 min read

किताबें

किताबें

मानव मन को आनंद से परिपूर्ण कर देती है किताबें

चिंतन का एक समंदर रोशन कर देती है किताबें

कल्पनाओं के सागर में हिलोरें मारने लगता है मन

खुद से खुद का परिचय करा देती हैं किताबें

अज्ञान रुपी अन्धकार को चीर , ज्ञान का आसमां रोशन कर देती हैं किताबें

कभी मित्र हो जातीं किताबें , कभी मार्गदर्शक हो जाती किताबें

कभी मनोरंजन का माध्यम हो जातीं, कभी चरित्र निर्माण का साधन हो जाती किताबें

कभी आदर्शों का एक कारवाँ सजा देती किताबें

कभी समंदर को चीरती लहरों के बीच पतवार हो जाती किताबें

कभी जिन्दगी का अलंकार , तो कभी संस्कारों का विस्तार हो जाती किताबें

कभी इंसानियत का परचम लहरातीं, तो कभी संस्कृति का आधार हो जाती किताबें

कभी धर्म का आधार हो जातीं , तो कभी धर्म का विस्तार हो जाती किताबें

कभी जीवन के उपवन में पुष्प बन खुशबू बिखेरती किताबें

तो कभी इतिहास के दर्शन का आधार हो जाती किताबें

कभी साधारण मानव को असाधारण मानव के रूप में परिणित कर देती किताबें

तो कभी जीवन को जीवन होने का बोध कराती किताबें

Language: Hindi
3 Likes · 8 Comments · 509 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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