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30 May 2021 · 1 min read

सुबह फिर आएगी

सुबह के बाद
शाम
शाम के बाद
रात
रात के बाद
सुबह होती है
सवेरा होता है
यह समय का पहिया
मृत्युपर्यन्त तक
किसी भी मनुष्य या
प्राणी के लिए
ऐसे ही चलता रहता है
हर सुबह पर
हमेशा
एक सी नहीं होती
कोई सुख लेकर आती है तो
कोई दुख
कोई खुशी तो
कोई गम
लेकिन समय
कैसा भी हो
सदैव एक सा नहीं रहता
वह भी बदलता है
मेरे सिर पर
इस समय टूट पड़ा है
मुसीबतों का पहाड़
हर दिन है
सदियों सा
लम्बा और
रात कांटों की शैय्या
यह आसमान फिलहाल
काले बादलों से ढका है
लेकिन दिल ने जो
हौसला बनाये रखा तो
यह कठिनाई का बादल
जल्द छटेगा
सूरज के किरणों पर पड़ा
पर्दा हटेगा
मेरी आंख
एक नई उम्मीद की साथ
अवश्य खुलेगी
ऐसी सुबह फिर आएगी
एक नई खुशियों का प्यार भरा तोहफा लेकर
अवश्य आएगी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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