Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 May 2021 · 2 min read

हास्य व्यंग्य...... शादी के पश्चात

हास्य व्यंग्य..……….

इस व्यंग्य का वास्तविक जीवन से कोई सम्बंध नही है

सबसे ज्यादा हंसी तो तब आती है
शादी से पहले कामकाजी कही जाने वाली लड़की
सबसे ज्यादा काम ससुराल में
सास से करवाती है। और बेटा मूक दर्शक
बना देखता रहता है।
और कहता है।
बेटा – माँ थक गई है धर्मपत्नी मेरी
थोड़ा काम में हाथ तुम भी बंटा दिया करो।
सो जाएगी वो तो उसके लिए
थोड़ा सा खाना तुम बना दिया करो
मां – हैं, बेटा जानती हूँ। मजबूरी है,मेरी
बुढापे से लाचार हूँ।
आज तेरे पापा नही है, कमाने वाले
तभी तो मैं तेरे लिए आज घर मे पड़ा
एक फालतू समान हूँ।
बेटा – माँ तुम ऐसा क्यों बोलती हो । मैं तेरी ही तो संतान हूँ। माँ बहुत काम करती है बहु भी तेरी
बस आदत से लाचार है। माँ तुम क्या जानो की
उसका कितना बड़ा व्यपार है।
माँ – हाँ, बेटा जानती हूँ। वो बहुत बडी व्यपारी है
करती धरती कुछ नही बस उसकी तो फोन ही सबसे बड़ी बीमारी है।
बेटा – नही माँ, उसको सबकुछ आता है।
लेकिन थोड़ा व्यस्त रहती है वो,
इसलिए घर काम उसे नही भाता है।
माँ – हाँ बेटा थोड़ा काम जो करले वो
उसका मुंह फूल जाता है। इसके सिवा उसे कुछ भी तो नही आता है।
एक दो बातें जबतक सुना न दे वो,
तबतक उसके पेट का
गुबार कहां निकल पाता है।
दो दिन काम कर ले तो
उसे फिर कई दिनों तक
बिस्तर ही नज़र आता है।
और सुना है बेटा अब तो
तू चुपके से उसके
पैर भी दबाता है।

भूपेंद्र रावत
24।05।2021

Loading...