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21 May 2021 · 1 min read

बदल जा वक्त अब तो____ गजल/ गीतिका

बदल जा वक्त अब तो तू , और कितना रुलाएगा।
संभल जाने दे अब हमको, तरस कब तुझको आएगा।
कई को खोया है हमने, तोड़ के रख दिया गम ने।
लगेगा वक़्त संभलने में, तभी तो यह कम हो पाएगा।।
किसी ने बेटा है खोया,कहीं पे बेटा है रोया।
निगाहें ढूंढती पति को, क्या पत्नी को भी खाएगा।।
अभी तो मेहंदी हाथों की ,किसी की सूख न पाई थी।
खबर आई थी अनहोनी की, सदमा क्या दिल सह पाएगा।।
बिलखने और बिछड़ने का ,सिलसिला अब तो थम जाए।
हे ईश्वर सुन ले अब विनती, “अनुनय” देख न पाएगा।।
राजेश व्यास अनुनय

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