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19 May 2021 · 1 min read

अंतर्द्वंद

तेरा आदि नहीं
तेरा अंत नहीं
तू जीवन पर्यन्त है संग मेरे ,
तुझसे मैं भयाक्रांत नहीं
तुझसे मैं अशांत नहीं
क्योंकि तू मुझसे जन्मा मेरा ही अंतर्द्वंद है |

द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’

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