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18 May 2021 · 1 min read

चला गया

एक अधूरा ख्वाब दिल में ,पलता चला गया।
मेरे रास्ते कठिन थे ,पर मैं चलता चला गया।
गिराने वालों ने न छोड़ी कसर एक भी,
ये मैं था कि गिर के भी ,सम्भलता चला गया।।
-सिद्धार्थ पाण्डेय

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