Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2021 · 1 min read

नये शब्द

नये शब्दों में
नयी बातो से
रोज़ नया सृजन आता है
जो पुराने से भिन्न है
आधुनिक ही नही
अत्याधुनिक होते हैं
ये शब्द
ये बात नही कहते
वरन् गूंजते हैं
कौंधते आकाश में
ठिठकते हैं
नयी चेतना लाते हैं
पुनः नयी स्फूर्ति पाते हैं
शब्द अब शब्द नहीं
क्योंकि शब्द ही शिष्ट करते हैं
पर कुछ शब्द
जब शब्द नहीं रहते
अशिष्ट कर जाते हैं
शब्दों को शब्द ही रहने दें
ये पुरानों से भिन्न हैं
पर आज भी शब्द हैं

मनोज शर्मा

Language: Hindi
519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

निजता के इस दौर में,
निजता के इस दौर में,
sushil sarna
धरती
धरती
manjula chauhan
बनि गेलहूँ मित्र त तकैत रहू ,
बनि गेलहूँ मित्र त तकैत रहू ,
DrLakshman Jha Parimal
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
VINOD CHAUHAN
4093.💐 *पूर्णिका* 💐
4093.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ख़तों में भर कर एहसासों को अपने
ख़तों में भर कर एहसासों को अपने
Shubham Anand Manmeet
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
खरीददार बहुत मिलेंगे
खरीददार बहुत मिलेंगे
Shekhar Deshmukh
कोरोना और ध्यान
कोरोना और ध्यान
ललकार भारद्वाज
रात की नदी में
रात की नदी में
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
ये तो जोशे जुनूँ है परवाने का जो फ़ना हो जाए ,
ये तो जोशे जुनूँ है परवाने का जो फ़ना हो जाए ,
Shyam Sundar Subramanian
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
बेटी
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
"जंग जीतने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार की दास्तां
प्यार की दास्तां
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हसरतें भी मेरी शर्मिंदा है,
हसरतें भी मेरी शर्मिंदा है,
श्याम सांवरा
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
ख़त
ख़त
Dr. Rajeev Jain
खूबसूरत मन
खूबसूरत मन
Chitra Bisht
खरबूजा फल देखकर, मन जाऐ ललचाए।
खरबूजा फल देखकर, मन जाऐ ललचाए।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
..
..
*प्रणय प्रभात*
ये दौलत भी लेलो ये सौहरत भी लेलो
ये दौलत भी लेलो ये सौहरत भी लेलो
Ranjeet kumar patre
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
It's okay, my love.
It's okay, my love.
पूर्वार्थ
खो गईं।
खो गईं।
Roshni Sharma
प्यार ऐसा हो माता पिता के जैसा
प्यार ऐसा हो माता पिता के जैसा
Rituraj shivem verma
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
उल्फ़त
उल्फ़त
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Loading...