Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2021 · 1 min read

विपत्ति के समय में हमारी भाषा!

जब हम विकट संकटों से गुजर रहे हों तब हमें, अपनी भाषा को मधुर बनाना चाहिए।आज हमारा देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है ।इस विकट स्थिति में हमें भाषा को थैरेपी बना लेना चाहिए।इस महामारी में हमारे डाक्टर साहब की भाषा कैसी होनी चाहिए।
यह समझ डाक्टर साहब मैं होनी चाहिए। किसी भी मरीज को भय उत्पन्न करने वाली भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इससे मरीज के हृदय पर गहरा असर पड़ता है।वह जल्दी ठीक हो
सकता है ।अगर डाक्टर साहब ने उसे डरावनी बात न बताई तो
क्योंकि मनुष्य के हृदय में एक भय उत्पन्न हो जाता है।
तब हमारी दवाओं का असर कम हो जाता है। हमारे मिडिया कर्मियों की भाषा भी नियंत्रित होनी चाहिए। जिससे इस विकट संकट के समय हमारी जनता में भय उत्पन्न न हो। ऐसे समय में
हमें धैर्य रखना चाहिए। और, देश में भयभीत का वातावरण न पाये। हमें कोई भी स्थति को बड़ा चढ़ा कर नहीं बताना चाहिए।
इससे जनता भयभीत हो जाती है और हम किसी समास्या का समाधान तलाशने में असमर्थ हो जातें हैं। सही समय पर निर्णय नहीं ले सकते हैं। क्योंकि हमने भय पैदा कर दिया है। इससे हमारे देश के कर्मचारी भयभीत हो गए हैं अब वह अपना काम सही तरीके से नही कर पा रहे हैं।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"बल और बुद्धि"
Dr. Kishan tandon kranti
अरे ओ बेगैरत क्या जानो
अरे ओ बेगैरत क्या जानो
नूरफातिमा खातून नूरी
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
Manisha Manjari
प्रेम के बहुत चेहरे है
प्रेम के बहुत चेहरे है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Soft Toys for Kids | Soft Toys
Soft Toys for Kids | Soft Toys
Chotan
◆in advance◆
◆in advance◆
*प्रणय प्रभात*
"हार व जीत तो वीरों के भाग्य में होती है लेकिन हार के भय से
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
डर के आगे जीत है !
डर के आगे जीत है !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अमीर
अमीर
Punam Pande
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
स्मृतियों की पगडंडी पर
स्मृतियों की पगडंडी पर
Rashmi Sanjay
लिट्टी-चोखा
लिट्टी-चोखा
आकाश महेशपुरी
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
दोपहर की धूप
दोपहर की धूप
Nitin Kulkarni
भारत रत्न धोंडो केशव कर्वे
भारत रत्न धोंडो केशव कर्वे
Sudhir srivastava
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
3701.💐 *पूर्णिका* 💐
3701.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
क्या लिखू
क्या लिखू
Ranjeet kumar patre
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
क्या फर्क पड़ेगा
क्या फर्क पड़ेगा
Dr. Man Mohan Krishna
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
Dr. Narendra Valmiki
हँसती हुई लड़की
हँसती हुई लड़की
Akash Agam
अंदर का चोर
अंदर का चोर
Shyam Sundar Subramanian
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तुम काफ़ी हो
तुम काफ़ी हो
Rekha khichi
मुझे अपने तक पहुंचाने का रास्ता दिखलाओं मेरे प्रभु।
मुझे अपने तक पहुंचाने का रास्ता दिखलाओं मेरे प्रभु।
Madhu Gupta "अपराजिता"
माता पिता
माता पिता
Roopali Sharma
Loading...