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16 May 2021 · 1 min read

बरसात की कहानी

रुक-रुक कर चलती है, बरसात की कहानी,
थम-थम कर चलती है, बरसात की कहानी।

बरसात से ही नदियाँ, बरसात से ही झरना,
बरसात के ही बल पर, भारत की है किसानी।
रुक-रुक कर चलती है, बरसात की कहानी,
थम-थम कर चलती है, बरसात की कहानी।

बरसात ही से जंगल, बरसात ही से पर्वत,
बरसात के ही बल पर, मेढ़क की है जवानी।
रुक-रुक कर चलती है, बरसात की कहानी,
थम-थम कर चलती है, बरसात की कहानी।

कहीं पर छाए बादल, कहीं है पानी-पानी,
बरसात के ही बल पर, घाव भरती है पुरानी।
रुक-रुक कर चलती है, बरसात की कहानी,
थम-थम कर चलती है, बरसात की कहानी।

बरसात से ही जीवन, बरसात से ही संतति,
बरसात के ही बल पर, प्रकृति बनती है दीवानी।
रुक-रुक कर चलती है, बरसात की कहानी
थम-थम कर चलती है, बरसात की कहानी।

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