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12 May 2021 · 1 min read

यह सोचा न था कभी ……

ये ना सोचा था कभी मगर हो गया ,
करोना से अपना भी सामना हो गया ।

इतने तो फूंक फूंक के कदम उठाए,
मगर फिर भी उससे टकरा हम गए ।

ना जाने कब कैसे और कहां से आया !
हाय !! क्यों जिंदगी में दाखिल हुआ ।

उससे नजरें मिली और तबियत बिगड़ी ,
ऐसी मार पड़ी उस जालिम की तगड़ी ।

पहले सर्दी जुखाम फिर बुखार हो गया,
उस पर सरदर्द से सर चकरा सा गया।

तुरंत लक्षण पहचानकर इलाज शुरू किया,
टेस्ट करवाया तो मुआ करोना निकल गया ।

दवाइयां बेशुमार और काढ़ा बहुत पिया,
खूब पानी के साथ नारियल पानी पिया ।

सादा भोजन और साथ में प्राणायाम किया ,
मन को भी सकारात्मक विचारों से भर लिया।

ना पूछो ! हमने इससे जान छुड़ाने के लिए ,
क्या क्या न किया इसे दफा करने के लिए।

और आखिर भगवान को तरस आ ही गया,
यह मरदूद करोना हमारी जिंदगी से चला गया ।

मगर चौकन्ने हम अब भी रहते है हमेशा,
करोना के नियमो का पालन करते है हमेशा।

हमारे प्यारे दोस्तों ! सुनो हमारा यह पैगाम ।
इस दुश्मन को हिम्मत से मात दे सकते है हम ।

5 Likes · 8 Comments · 695 Views
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