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8 May 2021 · 1 min read

भेंट क्या दें हम तुम्हें अब

मापनी २१२२ २१२२
छंद-मनोरम
भेंट क्या दें हम तुम्हें अब।
हो महरबां ही सदा रब।।
स्वप्न जो भी हों अधूरे।
हों सहज ही सकल पूरे।।

कामना सबकी यही है।
बात सबने ये कही है।
ये युगल जीवन तुम्हारा ‌।
हो सभी को सर्व प्यारा।।

फूल बनकर तुम लुटाओ।
गीत कोई तुम सुनाओ।।
हो कभी नाराज नहिं तुम।
बात अपनी खुद बताओ।।

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