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8 May 2021 · 1 min read

चलो

चलो ,कुछ छोड़ आते हैं
चलो कुछ भूल जाते हैं
चलो ,आज से निकलते हैं
चलो कल में खो जाते हैं
बोझ सा लगता है, न जाने क्यों ये दिन
चलो ना, टिमटिमाते तारों को गिन आते हैं
मीठे सपनों की वो तलब
चलो फिर दस्तक देकर आते हैं…

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