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7 May 2021 · 1 min read

दिनचर्या बना लो अपनी —— कविता

है समय आज संग्राम का,रख भरोसा राम का।
दिनचर्या बना लो अपनी, काम नहीं विश्राम का।।
भोर सवेरे छोड़ बीछोना,ध्यान योग में लग जाना।
विधि विधान से बन्धु भगिनी,योगासन को अपनाना।।
सेर सपाटा,नित्य दौड़कर,तंदुरुस्ती है पाना।
अल्पाहार का सेवन सुबह सुबह है करना।।
रहेगी काया निरोगी,निकाल समय आराम का।।
दिनचर्या बना लो अपनी ———————–
बाहर न जाना,घर ही रहना,भीड़ भाड़ से दूर रहे।
आस पास तुम रहते जिसके, यही बात उनसे भी कहे।
समय से खाना पीना और समय से सो जाना।
भुला दो सोच नकारात्मक,चिंतन अच्छा ही लाना।।
एक बार का काम नहीं यह नित्य सुबह शाम का।।
दिनचर्या बना लो अपनी —————-
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 1002 Views
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