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19 Apr 2021 · 1 min read

मिट्टी कहने लगी इंसान से

मिट्टी कहने लगी इंसान से
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मिट्टी कहने लगी इंसान से,
दिख रहे हो तुम परेशान से।

कौन सी दिशा से आए हो,
नहीं दिख रहे हैं निशान से।

दशा तुम्हारी है ये बता रही,
डरते हो किस नुकसान से।

चेहरा मुरझाया है कह रहा,
आ रहे हो स्थान वीरान से।

बेचकर जमीर आए हो तुम,
बताओ कौन सी दुकान से।

मनसीरत तुम्हें समझा रहा,
रहा करो जरा तुम ध्यान से।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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