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17 Apr 2021 · 1 min read

छप्पन इंच का सीना।

हम जिंदगी जीते नहीं ढोते हैं!
अपने को नही औरों को संभालते हैं।
ज्यादातर ध्यान गलती देखने में लगाते है।
फिर वही लोग समझदार कहलाते हैं।
अंदर बहुत सारे विकार होते हैं।
लेकिन अपने को देख नहीं पाते हैं।
सीखते नहीं जिंदगी को जीना ।
कहते हैं छप्पन इंच का सीना।
जिन्दगी में जितना सीखो , उतना कम है।
सीखने में पीछे रहते हम ।हर दम है।

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