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14 Apr 2021 · 1 min read

मुक्तक

वो पहले तो मिलने की कसमें खाने लगा
और फिर बिछड़ने के फायदे गिनाने लगा

वो महबूब नहीं था शायद कोई फरेबी था
वक्त गुजरते अपनी औकात में आने लगा

Language: Hindi
596 Views
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