Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
14 Apr 2021 · 1 min read

वाणी का महत्व।

पढ़ने वाले बच्चे अपनी वाणी का महत्व नहीं समझते हैं। उन्हें अपनी भाषा को मधुर बनाना चाहिए।। ताकि बच्चे अपनों से बड़ों का दिल जीत सके। भाषा में बहुत जादू होता है। उसे बहुत सोच विचार कर बोलना चाहिए। जो किसी को कांटे की तरह ना चुभे।
हम वाणी से ही दोस्त और दुश्मन बनाते हैं। इसलिए जीवन ही वाणी की ताकत बहुत काम आती है।हम जरा जरा सी बातों में अपना आपा खो बैठते हैं। और दुश्मनी कर बैठते हैं। किसी भी बिषम परिस्थितियों में अपना धैर्य न खोये। हमेशा धैर्य से काम निकाले। और दिमाग को हमेशा ठंडा रखें।आप गुरु जनों और सहपाठियों से बातचीत के दौरान सभ्य भाषा का इस्तेमाल करें। और अनुसासन में रहकर ही अपनी शिष्टाचार युक्त जीवन का निर्माण करे। अभी आपको जीवन में बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।बस आप में सीखने की ललक होनी चाहिए।आप सर्व श्रेष्ठ विद्यार्थी बनें। किसी भी कड़वी बात का मीठा उत्तर दे। और क्रोध के अवसर पर चुप रहें। यही आपकी सफलता का मूलमंत्र है।अगर आपने अपने क्रोध पर कंट्रोल कर लिया तो आप किसी भी परिस्थिति से लड़ सकते हैं। आपको हमेशा भाषा का महत्व का ध्यान रखते हुए व्यवहार ज्ञान को मजबूत बनाना है।

Loading...