Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Apr 2021 · 1 min read

घाटे का सौदा

घाटे का सौदा

तुम नहीं जानते
प्यार और
प्यार की भावना

तुम नहीं हो सकते
आशिक या माशूक
हां हो सकते हो
व्यापारी
अव्वल दर्जे के

क्योंकि
तुम्हारा प्यार भी था
लाभ-हानि के
मापदण्ड आधारित
न कि भावना आधारित

तुम व्यापारी भी
सही नहीं निकले
जो मुझे छोड़ गए

मेरे पास
मुझसे बड़ी दौलत और
थी ही नहीं
मैं तेरा होता तो
जो ले गए
वो भी तुम्हारा ही होता

तूने कितना घाटे का
सौदा किया

-विनोद सिल्ला©

Loading...