Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Apr 2021 · 1 min read

१९४ वी जयंती पर ज्योतिबा फुले को नमन

?१९४ वी जयंती पर ज्योतिबा फुले को नमन?

नाम मे जिनके हैं ज्योति ही लिखी
वही है हमारे चिंतक ज्योतिबा फुले
चमक उनके नाम की देखो अब भी
परिलक्षित होती उनके कर्म में।
पिता गोविंद राम को सच मे अपने
कर्मो से बना ही दिया गोविंद समान
अपने सद्कर्मो से स्वयं भी प्रकाशित
किया पिता का नाम भी रोशन।
माँ का नाम रोशन किया जैसे था
उनका ऊंचाई छूता हुआ सा नाम
माता थी उनकी स्नेही चिमनाबाई
सद् विचारो से थी पूरित माँ चिमनाबाई।
पत्नी संग पाकर हुए पूर्ण
ओर फिर बेटियों को शिक्षा दी भरपूर
जागरूकता फैलाई दोनो ने मिल
शिक्षा की अलख बेटियों में थी जलाई।
माना उन्होने शिक्षा हो केवल बहुजन हिताय
शिक्षा से दलित भी फले फुले खिलखिलाए
तभी तो महान समाज सुधारक कहलाए
सोच अच्छी थी शिक्षा की अलख जला पाए।
बेटियों हित काम कर उद्धारक कहलाये
पुनःविवाह,विधवा विवाह करवाए
दलितों के लिए विद्यालय खुलवाए
तभी तो आप महात्मा कहलाए।
फुले नाम समान मन में उच्च विचार उपजाए
समाज सुधार के सद विचार उनके मन मे आए
दलित को न्याय दिलाकर सेनानी कहलाए
तभी ऊंचनीच भेदभाव का खात्मा कर पाए।
नई क्रांति के जनक तभी तो कहलाए
देश प्रेम भाव अपने काम मे दिए झलकाए
आओ हम भी मिलकर उनके विचार अपनाएं
आपस मे मिलकर पिछडो का भी मान बढ़ाए।

Loading...