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2 Apr 2021 · 1 min read

नींद आती नही अब हमें रात भर

गीत
212 212 212 212

नीद आती नही अब हमे रातभर, मुझको ऐसी सनम ना सजा दीजिये।
पास आने कि कोशिश करो तुम जरा, दूरियां न सनम दरमियाँ कीजिये।

डूब जाउँ मैं मदहोश होकर सनम , जाम नजरों से’ ऐसा पिला दो हमे।
गम सहेंगे तुम्हारे खुशी से सभी, दिल की’ धड़कन में जो तुम बसा लो हमे।
गम मिलें जिंदगी में हजारों तो क्या, फूल से मुस्कराना सदा सीखिए।
पास आने कि कोशिश करो तुम जरा, दूरियां न सनम दरमियाँ कीजिये।

टूट जाए कहीं डोर ना साँस की, याद तेरी तड़पकर सताती हमें।
रात चलती पवन मंद सुर छेड़कर , चाँद की चाँदनी भी जलाती हमें।
आज मौसम सुहाना गजब है सनम, आइये अब गले से लगा लीजिये।
पास आने कि कोशिश करो तुम जरा, दूरियां न सनम दरमियाँ कीजिये।

भूलकर भी जिसे भूल पाए न दिल, आपके साथ ऐसी मुलाकात हो।
प्रेम गीतों को यूँ ही सुनाता रहूँ, सुरमयी एक ऐसी हँसी रात हो।
आप हैं फूल सी, मैं भ्रमर सा प्रिये, मेरे गीतों को सुनकर जरा रीझिये।
पास आने कि कोशिश करो तुम जरा, दूरियां न सनम दरमियाँ कीजिये।

अभिनव मिश्र अदम्य

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