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30 Mar 2021 · 1 min read

कलम का श्रृंगार

वो जो निकले हैं सज धज के ।
वो कलम का श्रृंगार कहां छोड़ेंगे ।
अल्फाजों से खेलने वाले ।
लिखने से कब चूकेंगे ।।

#किसानपुत्री_शोभा_यादव

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