उस आसमानी दुनिया के मालिक
१.
उस आसमानी दुनिया के मालिक
ओ तीनों जहां के शहंशाह
तेरे रहमो – करम को तरसती दुनिया
अपने आशियाँ में तुझको संजोती दुनिया
२.
निर्दोष आँखों से जो स्वप्न देखोगे तुम
खुदा भी तुम्हारा रहबर हो जाएगा
मनुष्य को मनुष्य जो समझोगे तुम
सारा जहां तेरा कर्जदार हो जाएगा