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5 Mar 2021 · 1 min read

विश्वास

विश्वास उतना ही किजिए,
कर ना सके कोई घात ।
मतलब की दुनिया है भाई,
बगल में आस्तीन के सांप ।।

बगल में आस्तीन के सांप,
भइया रहिए जरा बचके ।
जहां ज्यादा करत विश्वास,
अक्सर वहीं होवे घात ।।

जहां होवे घात,
वहां फिर कभी न होत विश्वास ।
एक वार ये टूट गया,
फिर मन में पड़ जावे गांठ ।।

पड़ जावें गांठ ,
जीवन में न बचें मिठास ।
कर्म ऐसे कीजिए,
न टूट पाय विश्वास ।।

डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)

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