Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2021 · 1 min read

जज्बात

इस दुनिया को बनाने वाले ने भी क्या करम फरमाया है,
कांटों में ही गुलाब को खिलाया है।
हे खूबसूरती जिस तरह गुलाब की कांटों के साथ।
हे जिंदगी औरतों की जज्बातों के साथ।

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आंसू
आंसू
Uttirna Dhar
उलझनों से भरी इस दुनिया में
उलझनों से भरी इस दुनिया में
Ranjeet kumar patre
"जरा देख"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्वास की डोर
विश्वास की डोर
कार्तिक नितिन शर्मा
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
पूर्वार्थ
परवरिश
परवरिश
Deepali Kalra
गांव की गौरी
गांव की गौरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" पुष्कर वाली धुलंडी "
Dr Meenu Poonia
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
VINOD CHAUHAN
मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
Pushpa Tiwari
प्रेम
प्रेम
Saraswati Bajpai
” असंतुष्टि की गाथा “
” असंतुष्टि की गाथा “
ज्योति
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चुनावी दोहे
चुनावी दोहे
Sudhir srivastava
तकनीक बनाम मानवीय संवेदनाएँ
तकनीक बनाम मानवीय संवेदनाएँ
अरशद रसूल बदायूंनी
3952.💐 *पूर्णिका* 💐
3952.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरे दिल का विश्वास तुमपर। कभी भुल मत जाना जानेजीगर।।
मेरे दिल का विश्वास तुमपर। कभी भुल मत जाना जानेजीगर।।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
शेखर सिंह
राधे राधे बोल
राधे राधे बोल
D.N. Jha
"आखिर क्यों ?"
DrLakshman Jha Parimal
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
स्वार्थ
स्वार्थ
Neeraj Kumar Agarwal
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
दीपक झा रुद्रा
Loading...