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27 Feb 2021 · 1 min read

चलना सिखाया आपने

पंथ में हो मौन सुमनों को बिछाया आपने ।
शूल सारे चुन लिए पथ को सजाया आपने।
स्नेह का दीपक जला कर,संग मेरे हर घड़ी-
हाथ मेरा थाम कर चलना सिखाया आपने ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 1 Comment · 549 Views
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