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24 Feb 2021 · 1 min read

।।। तो मैं पागल हू।।।

तेरी आँखों की इशारे जो ना समझू ,
तेरी जुल्फो की शरारत जो ना समझू।
तेरी होठों की शिकायत जो ना समझू ,
तेरी मेकअप की मिलावट जो ना समझू ।।

तो मैं पागल हू ।।।

तेरी मन की मुस्कुराहट जो ना समझू ,
तेरी गजरा की सजावट जो ना समझू ।
तेरी झुमको की झनझनाहट जो ना समझू ,
तेरी तन की सुगबुगाहट जो ना समझू ।।

तो मैं पागल हू ।।।

तेरी पैरों की आहट जो ना समझू ,
तेरी दिल की चाहत जो ना समझू ।
तेरी दातो की टकटकाहट जो ना समझू
तेरी चेहरों की लिखावट जो ना समझू ।।

तो मैं पागल हू ।।।

तेरी चुडियो की खनखनाहट जो ना समझू ,
तेरी गालों की ललाहट जो ना समझू ।
तेरी चालो की चकचकाहट जो ना समझू ,
तेरी बातों की हिचकिचाहट जो ना समझू ।।

तो मैं पागल हू ।।।

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