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17 Feb 2021 · 2 min read

कचरा - कचरा - कचरा

कचरा – कचरा – कचरा

कचरा – कचरा – कचरा
चारों ओर कचरा
यहाँ और वहां
जहां और तहां
फैला है केवल
कचरा – कचरा – कचरा

धरती में समंदर में
सभी जगह कचरा
कागज़ का कचरा
प्लास्टिक का कचरा
रसोई में जो बच गया
वह भी कचरा

कचरे की माया
है अजब निराली
जिसने भी जो कुछ छोड़ दिया
हो गया कचरा
धरती पर जगह न बची तो
आसमां में कचरा

सागर में केमिकल का कचरा
तो आसमां में सेटेलाइट का कचरा
मरने पर जो नदी में बहा दिया गया
वह अस्थियों का कचरा
ज्वालामुखी जो फूटा
तो राख के बादलों का कचरा

सुनामी जो आये तो
गाँव के गाँव हुए कचरा
बाढ़ जब आ जाए तो
फसलें हो जाएँ कचरा

इस कचरे की माया से
कोई बच न पाया
घर में कचरा, गली में कचरा
मोहल्ले में कचरा , तो गाँव में कचरा

गाँव से जब भागे तो
शहर में पाया कचरा
पूरी दुनिया घूम आया
पाया हर जगह कचरा

चाँद पर गया तो देखा
हवा में तैरता कचरा
ये तो हुई

प्राकृतिक कचरे की बात
एक और प्रकार का
कचरा होता है
जिसे कहते हैं
सामाजिक कचरा

ये वो कचरा है
जिसमे सामाजिक परिवेश में
विचार रहे
वे असामाजिक तत्व
जो सामाजिक बंधनों से परे
समाज में
अप्राकृतिक कृत्यों को
अंजाम देते हैं

और अनुशासनहीनता का
श्रेष्ठ परिचय होते हैं
ये दुश्चरित्र
समाज में
अपराध को जन्म देते हैं

अपने भृष्ट आचरण से
ये समाज को प्रदूषित करते हैं
समाज में इस प्रकार के चरित्र
अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु
निम्न से निम्न स्तर के
कृत्य को निडरता से अंजाम देते हैं

इन प्रकार के चरित्रों में
संवेदनाओं का अभाव होता है
ये जंगलियों की भांति
यहाँ से वहां विचरते हुए
अपने विलासितापूर्ण जीवन
में मस्त रहते हैं

ये अपनी प्रकृति के हिसाब से
जंगली होते हैं

इनमे मानवता का अभाव होता है
इनमे इंसानियत नामक तत्व की कमी होती है

ये बुराई के सागर में गोते लगाते रहते हैं
इनको आसपास देख
सामाजिक प्राणी भय खाते हैं
ये असामाजिक प्राणी
धूर्त एवं घमंडी होते हैं

इन्हें आजकल
सुपारी किलर , मौत के दलाल, भाई एवं कई और
आपराधिक प्रकृति से पोषित राजनीतिज्ञ
इत्यादि – इत्यादि
नामों से संबोधित किया जाता है

इनमे ज्ञान का अभाव होता है
इसलिए इन्हें
कुटिल, कुहृदय, अधम, खल, दुष्ट
आदि शब्दों से भी
संबोधित किया जाता है

ये दुश्चरित्र पुण्य एवं सज्जन चरित्रों के लिए
पीड़ा, क्लेश, वेदना, एवं असामयिक मृत्यु का कारण होते हैं

आइये इस बात पर ध्यान केन्द्रित करें
कि प्राकृतिक कचरे को
समाज से हटाना जरूरी है
या
इस मानवरूपी असामाजिक कचरे को

आपके सुझाव के इंतज़ार में ……………….

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