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15 Feb 2021 · 1 min read

“स्वागत, नवल मधुमास”

नव सृजन, “आशा” नई, स्वागत, नवल सुप्रभात,
नव पथिक, उत्साह नव, है पथ नवल, अज्ञात।

नृत्य करती तितलियाँ, मादक भ्रमर गुँजात,
नमन वीणावादिनी, झँकृत सरस, उर, नाद।

लालिमा छाई क्षितिज, नैसर्ग सुमधुर प्रात,
विहग वृन्द, विभोर, वन, वटवृक्ष बैठ, सोहात।

कर किलोल,कदम्ब कलरव,कर्णप्रिय ध्वनि गात,
शशि चला विश्राम को, बीती अँधेरी रात।

है सुरभि चहुँदिश, सुशोभित, स्वर्ण सी सौगात,
सूर्य की आभा विलक्षण, है नई शुरुआत।

कर धरा श्रँगार, चूनर है बसन्ती, गात,
कुमुद पुलकित हैं चतुर्दिश, है नई कुछ बात।

हरित पल्लव हैं सुकोमल, भार हर्ष लजात,
पुष्प सरसों पीत, कुछ कहने को ज्यों, मुस्कात।

बौर अमराई मेँ, ज्यों, बाला कहत सकुचात,
आ मिलो प्रियतम, करो स्वागत, नवल मधुमास..!

——//——//——//——//——//——//——

रचयिता-

Dr.asha kumar rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

Language: Hindi
Tag: गीत
23 Likes · 44 Comments · 966 Views
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