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13 Feb 2021 · 1 min read

पति पत्नी का वेलेनटाइन डे

इज़हार ऐ मूहोबत भी नहीं,

इक़रार ऐ जज़्बात भी नहीं।

मगर फिर भी कुछ दोनों में अनकही सी है बातें ।

खामोश तुम हो ,

खामोश वो भी ,

मगर धड़कते दिल की तो होती हैं मुलाकातें ।

कोई तोहफे का आदान -प्रदान नहीं,

किसी महंगे होटल में न ही कोई दावतें ।

बस एक फूल देकर कहना ‘ आज कुछ अच्छा सा बना लो ‘

इस तरह दिखावे से दूर ,

बनावट से दूर,

वास्तविकता के धरातल पर चलती धीमी सी खामोश चाहतें ।

परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियों में व्यस्त ,

गृहस्थी के बोझ से त्रस्त ,

चुपके से दांपत्य धर्म का निर्वाह करती ,

अपनी सम्पूर्ण परिपक्वता के साथ ,

जीवन संघर्षों में एक सी धारा में बहती ये पाक मुहोबत।

Language: Hindi
4 Likes · 18 Comments · 544 Views
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