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6 Feb 2021 · 1 min read

दोहावली

************ दोहावली **************
**********************************
सुमन खिले हैं प्यार के, चेहरों पर बहार।
पुलकित है मन बांवरा,आया बहुत निखार।।

राम नाम के जाप से, निष्क्रिय हो प्रहार।
प्रभु कृपा विचार से,निलय आए बहार।।

नदियाँ बहती वेग में,शुद्ध हो शीत धार।
सागर में धारा मिले, जीवन का आधार।।

कसरत और विधान से, स्वस्थ रहे शरीर।
खुशियों से आँचल भरे, मन हो जाता धीर।।

मनसीरत दिल से कहे,करिए सदा सत्कार।
बोल कबोल न बोलिए,बाँटों जग में प्यार।।
*****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 537 Views
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