Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2021 · 1 min read

पूर्ण विराग

आधार छंद दोहा

माया ममता मोह मद,सभी सुखों को त्याग ।
वही कृष्ण बनता मनुज, जिसमें पूर्ण विराग।

पग में बंधन मोह का,और सत्य की प्यास,
फँसा हुआ कुरुक्षेत्र में,खेल रहा है फाग ।

मन काला तन श्वेत है,बगुला कपटी अंग,
तन मन दिखता एक सा, उससे अच्छा काग।

जो भी आया है यहाँ, जायेगा सब छोड़,
क्यों फिर मतलब के लिए,देते सबको झाग।

जब तक लिप्सा शेष है,नहीं मिलेगी शांति,
मन में भरा विकार है, जैसे विषधर नाग।

चल नेकी की राह पर,रहो बदी से दूर,
द्वेष-दंभ छल त्याग कर,रखो हृदय बेदाग ।

यह गीता का ज्ञान है,कहता वेद पुराण,
कर्म भाव कुसुमित हृदय,तुष्टि-पुष्टि हर भाग।

माया नगरी है जगत,फसा हुआ हर जीव,
सुखदायी वह जीव है,जहाँ भक्ति की आग ।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

3 Likes · 3 Comments · 420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

"भेद-अभेद"
Dr. Kishan tandon kranti
*Flying in the Sky*
*Flying in the Sky*
Veneeta Narula
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
फितरत के रंग
फितरत के रंग
प्रदीप कुमार गुप्ता
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
ईश्वर या अलौकिक शक्ति अवधारणा - वास्तविकता या मिथक ?
ईश्वर या अलौकिक शक्ति अवधारणा - वास्तविकता या मिथक ?
Shyam Sundar Subramanian
न रंग  था न  रूप  था  खरीददार  थे मिले।
न रंग था न रूप था खरीददार थे मिले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उदासी की चादर
उदासी की चादर
Phool gufran
अक्सर सच्ची महोब्बत,
अक्सर सच्ची महोब्बत,
शेखर सिंह
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
Sandeep Kumar
जीवन की रंगत: सुख और दुख का संगम
जीवन की रंगत: सुख और दुख का संगम
पूर्वार्थ
तुम भी कहो कि ख्वाबों में आओगे ना
तुम भी कहो कि ख्वाबों में आओगे ना
Jyoti Roshni
दिन का उजाला है मियाँ रात नहीं है।
दिन का उजाला है मियाँ रात नहीं है।
Ramji Tiwari
जीवन की कविता
जीवन की कविता
Anant Yadav
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
होली
होली
Madhu Shah
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
*प्रणय प्रभात*
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
धन्यवाद की महिमा
धन्यवाद की महिमा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" बढ़ चले देखो सयाने "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
गीतासार 📕
गीतासार 📕
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुबह
सुबह
Neeraj Kumar Agarwal
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
बांस के जंगल में
बांस के जंगल में
Otteri Selvakumar
थोड़ा सा इंकार है, थोड़ा सा इकरार ।
थोड़ा सा इंकार है, थोड़ा सा इकरार ।
sushil sarna
Loading...